कोटि नाम संसार में तातें मुक्ति न होई
आदि नाम जो गुप्त जपे बुझे बिरला कोई
कबीर जी कहते हैं कि संसार में परमात्मा के करोड़ों नाम हैं परन्तु
उनको जपने से मुक्ति नहीं हो सकती
जानना है तो उस नाम को
जानो जो आदि काल से चला आ रहा है, जो अत्यंत गोपनीय है
एवं मनुष्य के अन्तर में चल रहा है
वह नाम कण-कण में विद्यमान है
परन्तु उसी नाम का अर्थात उस ज्ञान का ही मनुष्य को बोध नहीं
आज मनुष्य ने स्वयं द्वारा निर्मित भक्ति करने के अनेकों तथा मनमाने
मार्ग बना लिए हैं
लेकिन धार्मिक ग्रंथों में संत महापुरषों, ऋषि एवं गुरुओं
द्वारा दिए गए सन्देश से यह रहस्य स्पष्ट होता है कि वह ज्ञान कभी भी बदलता नहीं
आदि नाम जो गुप्त जपे बुझे बिरला कोई
कबीर जी कहते हैं कि संसार में परमात्मा के करोड़ों नाम हैं परन्तु
उनको जपने से मुक्ति नहीं हो सकती
जानना है तो उस नाम को
जानो जो आदि काल से चला आ रहा है, जो अत्यंत गोपनीय है
एवं मनुष्य के अन्तर में चल रहा है
वह नाम कण-कण में विद्यमान है
परन्तु उसी नाम का अर्थात उस ज्ञान का ही मनुष्य को बोध नहीं
आज मनुष्य ने स्वयं द्वारा निर्मित भक्ति करने के अनेकों तथा मनमाने
मार्ग बना लिए हैं
लेकिन धार्मिक ग्रंथों में संत महापुरषों, ऋषि एवं गुरुओं
द्वारा दिए गए सन्देश से यह रहस्य स्पष्ट होता है कि वह ज्ञान कभी भी बदलता नहीं
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