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Monday, March 14, 2011

साईं बाबा

एक सुनसान रास्ते पर


साईं बाबा चले जा रहे है

मै उनकी भक्त उनके पीछे चल रही हूँ

साईं बाबा तो आगे निकल गए

और मै पीछे ही रह गयी

फिर भी कोशिश कर रही हूँ

साईं बाबा बहुत दूर चले गए

और मै थक गयी

मेने आवाज़ दी

साईनाथ साईनाथ

बस मै थक गयी

साईं बाबा तो अदृश्य हो गए

अर्थात

साईनाथ को पाना आसान नहीं

उनके पीछे चलना आसान नहीं

उनकी राह तो बहूत लम्बी है

यह सच की राह है

उनकी भक्ति में ही शक्ति है

अरे मेरे भक्त

निकल पड मुसाफिर बन कर

उस राह पर

कही न कही कभी न कभी

किसी न किसी मोड पर

बाबा तेरा इंतज़ार कर रहे है

थाम लेगे तेरा हाथ

ले जाये गे तुझे उस पार

जहा प्यार का स्त्रोत बहता है

जहा मन शांत रहता है

जहा इन्द्रियों का कोई बस नहीं

लेकिन साईं पर विश्वास करना जरूरी है

उनका सिमरन करना जरूरी है

उनेह महसूस करना जरूरी है

रास्ता अपने आप ही बन जाएगा

यही है सची राह



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sabke dil me baste hi ushe sai sai kehte hai

jai sainath

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